दिल्ली ब्लास्ट में गिरफ्तार डॉ. शाहीन ने कबूला, दो साल से विस्फोटक इकट्ठा कर रही थी, देशभर में धमाकों की साजिश रची

ब्रह्मास्त्र नई दिल्ली

दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को कार धमाके को लेकर अहम खुलासे हुए हैं। इस मामले में गिरफ्तार फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल में शामिल डॉ. शाहीन शाहिद ने कबूल किया है कि वह अपने साथी आतंकी डॉक्टरों के साथ मिलकर देश भर में हमलों की साजिश रच रही थी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, शाहीन ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह पिछले दो सालों से विस्फोटक जमा कर रही थी। धमाके वाले दिन, आई20 कार लाल किला पहुंचने से पहले दिल्ली के कई इलाकों से गुजरी थी। कार दोपहर 2:30 बजे कनॉट प्लेस पहुंची थी और कुछ देर बाद वहां से निकल गई।
सूत्रों ने कहा, दिल्ली-एनसीआर और पुलवामा में लगातार छापेमारी से अलफलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर आतंकी डॉ. उमर नबी दबाव में आ गया था। वह फरीदाबाद से जल्दबाजी में अधूरा तैयार आईईडी लेकर कार से निकला, जिससे धमाका हुआ। इसलिए धमाके का असर सीमित रहा और क्रेटर या छर्रे नहीं मिले।

जैश सरगना मसूद अजहर की
बहन के संपर्क में थी डॉ. शाहीन
ल्ल फरीदाबाद में जैश-ए-मोहम्मद के नए वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल में अब तक 8 आतंकी मिल चुके हैं। इनमें डॉ. शाहीन शाहिद समेत 6 डॉक्टर हैं। डॉ. शाहीन जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के सीधे संपर्क में थी और आतंकी संगठन की महिला विंग जमात उल मोमिनात से जुड़ी थी।
ल्ल इस विंग को सादिया ने आॅपरेशन सिंदूर में अपने पति की मौत का बदला लेने के लिए अक्टूबर 2025 में बनाया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस डॉ. शाहीन को फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार करके श्रीनगर ले गई। वहीं उसकी कानूनन गिरफ्तारी हुई।
ल्ल शाहीन ने इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस (1996-2001 बैच) और फार्मकोलॉजी में एमडी किया है। वह 2006 से 2013 तक सात साल कानपुर मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर रही। उसका चयन यूपीपीएससी के जरिए हुआ था।
ल्ल इसके बाद अचानक गायब हो गई। कॉलेज के नोटिसों का जवाब नहीं देने के चलते 2021 में उसे बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद वह अलफलाह यूनिवर्सिटी में काम करने लगी और इसी दौरान डॉ. मुजम्मिल के संपर्क में आई थी।

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